The road to the village of Sirpanch was eaten by the ruler of the village.
सोचिए आपके गाँव में कुल जनसंख्या हो सौ लोगों की और केवल एक व्यक्ति निन्यानवे लोगों को हाँक रहा हो। अपनी मर्ज़ी से भेड़ बकरियों की तरह। निरंकुश राजा की तरह। इस तरह की घटना ब्रिटिश काल की याद ज़रूर दिलाती है लेकिन दुर्भाग्य से है आज की घटना। मध्य प्रदेश में एक जिला है — उमरिया। यहाँ के करकेली पंचायत में गाँव पड़ता है। इस गाँव में माहौल ऐसा ही है जैसा मैंने बताया। इस गांव के सारे के सारे लोग 8 जून 2019 को एक अर्ज़ी लेकर ज़िला प्रमुख कलेक्टर महोदय के पास पहुंचे। क्यों , ये बताया हमारे एक यूजर ने रेज योर वौइस् के जरिये। हमारे यूजर ने लिखा — साल 2017 में ग्राम मानिकपुर में लगभग 200 मीटर सीसी सड़क और नाली बनाने के लिए 12 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे लेकिन आज तक गाँव में कोई सड़क नहीं दिखी।सड़क सरपंच खा गया क्या?
हमने मामले की तफ्तीश की तो पाया कि पंचायत के सरपंच रघुवंशी प्रताप सिंह 45 सालों से सरपंच हैं. सिंह साहब SC/ST के साथ तानाशाहों जैसा बर्ताव करते हैं. हमे इस बात का पता चला 9 जून को, जब कुछ मीडियाकर्मियों ने गाँव में जाकर सार्वजनिक रूप से शिकायत करने वाले ग्रामीणों और सरपंच रघुबंशी प्रताप सिंह के पक्ष को सुना। शिकायत के बाद सार्वजनिक रूप से रोज़गार सहायक ने यह कबूल कर लिया कि राशि सरपंच महोदय के पास है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ राशि का उपयोग सामान खरीदने के लिए कर लिया गया है मगर कार्य की शुरुआत अभी भी नहीं की गई है। उनके हिसाब से यह पंचायत प्रशासन की गलती है। ग्रामीणों की समस्याएं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लेबर पेमेंट लगभग 170 रुपए प्रस्तावित है लेकिन आज तक पूरा पेमेंट नहीं दिया गया है। अगर कोई भी आम ग्रामीण सरपंच महोदय के पास किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करवाने या सत्यापित करवाने के लिए जाता है तो उसे डांट कर भगा दिया जाता है। 30 मई को हुए ग्राम सभा में एक सदस्य पंच ने यह सवाल किया कि गाँव में सड़क निर्माण का क्या हुआ? उसे भरी सभा में सरपंच महोदय द्वारा डांट कर भगा दिया गया। एक महिला को लगभग चार महीने से यह बोल कर गुमराह किया जा रहा है कि उसके खाते में उसकी मज़दूरी भेज दी गई है। सरपंच महोदय का बयान मानिकपुर पंचायत के सरपंच रघुवंशी प्रताप का कहना है कि वह 40 सालों से सरपंच की कुर्सी पर बैठकर गाँव की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों पर ही दोष डालते हुए कहा कि ग्रामीण ही रोड बनाने नहीं देते हैं और शिकायत करने पहुंच जाते हैं। लेकिन जब सरपंच जी को यह पता चला कि उनकी शिकायत की गई है तो उन्होंने शिकायतकर्ताओं को जान से मारने की धमकी दे दी। तो ये है हमारा न्यू इंडिया। अगर आपको भी है ऐसी किसी घटना की जानकारी तो, ज़रूर बताएँ हमें। देखते रहिए Molitics और Subscribe करिए हमारा चैनल।
कब तक शांत रहोगे,
कुछ तो कभी बोलोगे ही ना (फेसबुक और insta स्टेटस के अलावा)
अगर सच में शासन-प्रशासन से परेशान हैं तो Raise Your Voice के मदद से आवाज उठाईए।
#RaiseYourVoice against political dogmatism.