जमीन बेचकर जिस बेटे को मां ने बनाया था काबिल, वही सौरभ शर्मा चंद पैसो की लालच में पाकिस्तानियों से जा मिला
चंद पैसो की लालच में सेना संबंधी खुफिया सूचनाओं को पाकिस्तान भेजने वाले यूपी के हापुड़ जिले के पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ लखनऊ में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। मामले का खुलासा होने के बाद मां बदहवास है उसे भरोसा ही नहीं हो रहा कि जिसे उसने अपनी जमीन बेचकर काबिल बनाया वही चंद पैसों की लालच में देश से गद्दारी करके पाकिस्तानियों से जा मिला।
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मिली जानकारी के अनुसार सौरभ शर्मा के पिता का देहांत बीस साल पहले हो गया था। तीन बच्चो को पालने, पढ़ाने के लिए मां मधु शर्मा ने गांव के पास की ही नौ बीघा जमीन बेच दी। २०१३ में सौरभ शर्मा भारतीय सेना में शामिल हुआ तो परिवार की स्थिति सही हो गई। नौकरी लगने के करीब डेढ़ साल बाद ही सौरभ वीआरएस लेकर घर चला आया, उसने बताया कि उसकी किडनी सही नहीं है, उस समय किसी को भी ये नहीं पता था कि सौरभ इस तरह की किसी घटना में संलिप्त है। हालांकि मां को अभी भी लगता है कि उनका बेटा निर्दोष है वह देश के साथ गद्दारी नहीं कर सकता है।
देश सेवा की भावना को लेकर सेना मे शामिल हुआ जवान जब देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हो जाता है तो उसके गांव वालों पर क्या बीतती है वही समझते हैं, आज बिहूनी गांव का हर इंसान शर्मिंदा है, उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा कि उनके गांव का एक इंसान अपने जमीर को जिंदा मारकर पाकिस्तान को चंद पैसो की लालच में सेना की जानकारियां देगा। यूपी एटीएस ने जब सौरभ से सख्ती से पूछा तो उसने कबूल किया कि नौकरी छोड़ने के बाद उसने सेना की गोपनीय जानकारी दूसरे देश की खुफिया एजेंसी को वाट्सऐप के जरिए भेजा जिसके एवज में उसे पैसा मिला।
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पिछले दिनों आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि हिन्दू आतंकवादी नहीं हो सकता, अब सवाल है कि क्या सौरभ शर्मा दूसरे धर्म का है, पिछले साल कश्मीर में डीएसपी देविंदर सिंह को हिजबुल के कमांडर नवीद बाबू, रफी अहमद, इरफान अहमद के साथ गिरफ्तार किया गया था, देविंदर सिंह उन लोगो को हथियार मुहैया करवाता थ। हिजबुल के आतंकी उस हथियार का क्या इस्तेमाल करते थे इसको बताने की जरूरत शायद नहीं है। देविंदर को पुलिस ने गिरफ्तार करके एनआईए को सौपा, एनआईए ने पता लगाकर बताया कि देविंदर जिनकी मदद करता था उनका संपर्क पाकिस्तानी दूतावास से भी था।
सवाल घूमकर वहीं आता है कि देशभक्त कौन है? इसका जवाब भी बस इतना है देशभक्त सब हो सकता है देशद्रोही भी सभी वर्ग में हो सकते हैं। किसी एक जाति या सांप्रदाय की बात करना गलत होगा। किसी एक धर्म को टारगेट करके सिवाय नफरत फैलाई जा सकती है, कई बार तो ऐसा होता है कि मुस्लिम निकलने पर गोदी मीडिया के बीच जोरशोर से चर्चा होती है लेकिन जैसे ही देशविरोधी गतिविधियों में किसी हिन्दू सैनिक के संलिप्त होने की जानकारी मिलती है चारो तरफ सन्नाटा छा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सत्ता में जो हुक्मरान बैठे हैं उनके भी दिमाग में हिन्दू मुसलमान का गणित चलता रहता है।
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फिलहाल सौरभ शर्मा जैसे तमाम लोग सेना के बीच हो सकते हैं, उन्हें पहचानने की जरूरत है। जरूरत है उस मानसिकता की गुलामी से मुक्त होने का जिसमें कहा जाता है कि हिन्दू आतंकवादी नहीं हो सकता है। जरूरत है खुला दिमाग रखने की जिससे हम धर्म के आधार पर आतंकियों की गणना न करें। देशद्रोही सौरभ भी हो सकता है अफजल भी। इसलिए सख्ती सभी के खिलाफ जरूरी है।
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